Monday, September 24, 2012

खूब सूरत हैं ऑंखें तेरी ,रात को जागना छोड़ दे
खुद-ब-खुद नींद आ जाएगी तू मुझे सोचना छोड़ दे !1

तेरी आँखों से कलियाँ खिली तेरे आँचल से बादल उड़े
देख ले जो तेरी चाल वो मोर भी नाचना छोड़ दे !2

वक़्त के हाथ में डोर है,अक्ल इन्सा की कमजोर है
जो है किस्मत मैं होगा बही जानेमन सोचना छोड़ दे !3

तेरी आँखों से छलकी हुई जो भी एक बार पी ले
कमबख्त फिर दोवारा जाम ही माँगना छोड़ दे !4

खूब सूरत हैं ऑंखें तेरी ,रात को जागना छोड़ दे .................।

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