Sunday, February 19, 2012

जिन्दगी के इस सफ़र में एक कोरे पन्नों की किताब हमारी भी है

जिन्दगी के इस सफ़र में एक कोरे पन्नों की किताब हमारी भी है 

कुछ हसीन किस्सों में सुमार एक कहानी हमारी भी है 
        अंग तरंग रमण में उठी एक रबानी हमारी भी है
बचपन से साजो रखे थे जो सपनो की जुबानी हमारी भी है
                                                     जबानी की दहलीज पर आई महकती सुबह हमारी भी है
मदमस्त जवानी में मदहोस पलों की मस्ती हमारी भी है 
                                                     वो मसूका के लबों के लाब्सों की कहानी हमारी भी है
मोहब्बत की आग में झुलसी तपिस की तड़प हमारी भी है 
                                                      हो रही तड़प उनके बियोग में वो बिरह हमारी भी है
वो बिन खिले मोहब्बत के फूलों की एक कलि हमारी भी है
                                                   गुम  हो गई हमारी खुसी तो क्या उनकी खुसी हमारी भी है
जिन्दगी के इस सफ़र में एक कोरे पन्नों की किताब हमारी भी है