हो के पास किसी के जब तू दूर कभी हो जायेगा
आना चाहे लौटके फिर ना रास्ता वो ढून्ढ पायेगा
बढ़ते आगे धीरे धीरे लौट के ना फिर तू पायेगा
तू यहाँ जो करता है फ़िक्र इस ज़माने की
ये तो सब है अनजाने
क्यूँ भला तू न जाने ..........................!!
रस्म कसम बादो में है पड़ा तू क्यूँ इतना
कल को मुकर जायेगे
है ये सारे अफसाने .............................!!
आज अभी जो है तेरा कल कही खो जायेगा
चार दिन का है महमा
जान ले ओ अनजाने .........................!!
दे के दुःख किसी को जब तू बाद में पछतायेगा
मांगना चाहे माफ़ी पर तू ढून्ढ उसे ना पायेगा
बढ़ते आगे धीरे धीरे लौट ना फिर तू पायेगा
थाम कर तू चलता है आज जिनके हांथों को
कल को छोड़ जायेगे
मान ले ओ दीवाने ..............................!!
आना चाहे लौटके फिर ना रास्ता वो ढून्ढ पायेगा
बढ़ते आगे धीरे धीरे लौट के ना फिर तू पायेगा
तू यहाँ जो करता है फ़िक्र इस ज़माने की
ये तो सब है अनजाने
क्यूँ भला तू न जाने ..........................!!
रस्म कसम बादो में है पड़ा तू क्यूँ इतना
कल को मुकर जायेगे
है ये सारे अफसाने .............................!!
आज अभी जो है तेरा कल कही खो जायेगा
चार दिन का है महमा
जान ले ओ अनजाने .........................!!
दे के दुःख किसी को जब तू बाद में पछतायेगा
मांगना चाहे माफ़ी पर तू ढून्ढ उसे ना पायेगा
बढ़ते आगे धीरे धीरे लौट ना फिर तू पायेगा
थाम कर तू चलता है आज जिनके हांथों को
कल को छोड़ जायेगे
मान ले ओ दीवाने ..............................!!